अजीत अगरकर ने ऋषभ पंत पर बोला झूठ? या गौतम गंभीर-रोहित शर्मा ने नहीं मानी बात!
भारतीय क्रिकेट में पिछले कुछ हफ्तों से विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हार के बाद से ही कप्तान, कोच और चीफ सेलेक्टर के बीच मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं। अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत और केएल राहुल के बीच नंबर-1 विकेटकीपर को लेकर असमंजस बना हुआ है।
नागपुर वनडे में ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी
भारत और इंग्लैंड के बीच नागपुर में खेले गए पहले वनडे मैच में ऋषभ पंत को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी गई। उनकी जगह केएल राहुल ने विकेटकीपर की भूमिका निभाई। यह फैसला चौंकाने वाला था क्योंकि जब टीम इंडिया का चयन हुआ था, तब चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने पंत को वनडे सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पहली पसंद के रूप में बताया था।
कौन है टीम इंडिया का नंबर-1 विकेटकीपर?
अगर वनडे फॉर्मेट की बात करें, तो पिछले कुछ समय से केएल राहुल ही विकेटकीपर की भूमिका निभाते आ रहे हैं। वर्ल्ड कप 2023 में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था और टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर के लिए अहम खिलाड़ी बने थे। राहुल ने विकेट के पीछे भी अपनी भूमिका को बखूबी निभाया था।
लेकिन सवाल यह है कि जब चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने खुद कहा था कि ऋषभ पंत पहली पसंद होंगे, तो फिर नागपुर में उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर क्यों रखा गया? क्या यह टीम मैनेजमेंट का अलग फैसला था या फिर चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन के बीच किसी तरह की अनबन का नतीजा?
क्या अजीत अगरकर ने झूठ कहा?
19 जनवरी को जब टीम इंडिया का ऐलान हुआ था, तब प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजीत अगरकर और कप्तान रोहित शर्मा मौजूद थे। उस समय अगरकर ने साफ तौर पर कहा था कि ऋषभ पंत वनडे सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम की पहली पसंद हैं। उनके इस बयान से यही समझा गया था कि पंत ही प्लेइंग इलेवन में बतौर विकेटकीपर उतरेंगे और केएल राहुल मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज के रूप में खेलेंगे।
लेकिन नागपुर वनडे में पंत की गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए। क्या अगरकर ने सिर्फ कहने के लिए यह बात कही थी? या फिर कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित शर्मा ने उनकी बात नहीं मानी? यह सवाल भारतीय क्रिकेट के अंदर चल रही राजनीति और मतभेद की ओर इशारा करता है।
कोच और कप्तान नहीं मान रहे सेलेक्टर्स की बात?
क्रिकेट जगत में यह चर्चा हो रही है कि चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर और कोच गौतम गंभीर के बीच कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद चल रहे हैं। ऐसी अटकलें भी हैं कि गंभीर और रोहित शर्मा मिलकर टीम के फैसले ले रहे हैं और चीफ सेलेक्टर की राय को नजरअंदाज कर रहे हैं।
अगर यही स्थिति बनी रही, तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा संकेत नहीं है। सेलेक्शन कमिटी और टीम मैनेजमेंट के बीच सही तालमेल होना जरूरी है, नहीं तो इसका सीधा असर टीम के प्रदर्शन पर पड़ेगा।
ऋषभ पंत बनाम केएल राहुल – कौन है बेहतर विकल्प?
अगर आंकड़ों की बात करें, तो ऋषभ पंत का वनडे रिकॉर्ड प्रभावशाली रहा है। उन्होंने 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर वनडे में शानदार शतक लगाया था, जिससे टीम इंडिया को जीत मिली थी। वहीं, टेस्ट क्रिकेट में भी उनका प्रदर्शन जबरदस्त रहा है। पंत आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं और विकेट के पीछे भी वह बेहतरीन विकेटकीपिंग करते हैं।
दूसरी ओर, केएल राहुल ने भी विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में अपनी उपयोगिता साबित की है। वर्ल्ड कप 2023 में उन्होंने टीम के लिए कई अहम पारियां खेली और विकेटकीपिंग में भी कोई बड़ी चूक नहीं की।
आगे क्या होगा?
अब देखने वाली बात यह होगी कि अगले वनडे मैचों में ऋषभ पंत को मौका दिया जाता है या नहीं। अगर उन्हें फिर से प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा जाता है, तो यह साफ हो जाएगा कि टीम मैनेजमेंट और सेलेक्शन कमिटी के बीच गहरी अनबन चल रही है।
अगर भारतीय क्रिकेट को सफल बनाना है, तो कप्तान, कोच और सेलेक्टर्स को एक साथ मिलकर फैसले लेने होंगे। व्यक्तिगत मतभेदों को दरकिनार कर टीम हित में काम करना ही सही रणनीति होगी।
भारतीय क्रिकेट में विकेटकीपर की इस रेस ने एक नई बहस छेड़ दी है। ऋषभ पंत और केएल राहुल दोनों ही बेहतरीन खिलाड़ी हैं, लेकिन टीम इंडिया के नंबर-1 विकेटकीपर का फैसला पारदर्शिता के साथ होना चाहिए। अगरकर के बयान और टीम मैनेजमेंट के फैसलों में अंतर कहीं न कहीं चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम इंडिया अगले मुकाबलों में क्या रणनीति अपनाती है और ऋषभ पंत को लेकर क्या फैसला लिया जाता है।
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